रावण रामायण का एक प्रमुख चरित्र है. रावण लंका का राजा था. वह अपने दस सिरों के कारण भी जाना जाता था, जिसके कारण उसका नाम दशानन भी था. किसी भी कृति के लिए नायक के साथ ही सशत्तफ़ खलनायक का होना अति आवश्यक है. रामकथा में रावण ऐसा पात्र है, जो राम के उज्ज्वल चरित्र को उभारने का काम करता है. रावण के शासन काल में लंका का वैभव अपने चरम पर था और उसने अपना महल पूरी तरह स्वर्ण रंजित बनाया था, इसलिए उसकी लंकानगरी को सोने की लंका अथवा सोने की नगरी भी कहा जाता है। यह पुस्तक महाबली रावण के चरित्र का उपन्यासिक शैली में प्रस्तुतीकरण है।
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