राम, लक्ष्मण और सीता वनवास गमन की आज्ञा लेने महाराज दशरथ के पास आते हैं। तब महाराज दशरथ राम को विद्रोह करने की, उन्हे कारागार में डालने की, या उनके शरीर के दो टुकड़े करने की सलाह देते हैं।
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