सुग्रीव अपने और बाली के जन्म की कथा बताते हुए उसके और बाली के बीच के बैर का कारण बताता हैं। राम सुग्रीव की पीड़ा से आहत होता हैं, सुग्रीव का राज्याभिषेक कर उसे किष्किन्धा का राज्य देने का वचन देता हैं।
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