कुंभकरण-वध: कुंभकरण रावण का भाई था. उसे वरदान मिला था कि वह छह महीने सोएगा फिर एक दिन के लिए जागेगा. फिर छह महीने के लिए सो जाएगा. लेकिन ये वरदान उसके लिए अभिशाप बन गया. राम से युद्ध में रावण हार रहा था. उसे सो रहे कुंभकरण को जगाना पड़ा. कुंभकरण वानर सेना पर बिजली बन कर टूटा था. हजारों वानर सैनिक मारे गए. लेकिन कुंभकरण को एक अजीब सा वरदान मिला था कि उसकी मौत तब तक नहीं हो सकती जब तक शत्रु उसे पीठ न दिखा दे. राम ने मेघनाद को अपनी पीठ दिखाने से मना कर दिया. तभी विभीषण के इशारे पर हनुमान ने एक ऐसी चाल चली कि राम को अपनी पीठ दिखानी पड़ी. आखिर क्या थी हनुमान की वो चाल?
Dieser Download kann aus rechtlichen Gründen nur mit Rechnungsadresse in A, D ausgeliefert werden.