मारा गया मेघनादः ब्रह्मा ने वरदान में मेघनाद को एक उड़ने वाला दिव्य रथ दिया था जिस पर बैठ कर वो युद्ध कर सकता था. ये रथ अदृश्य रहता था. ये भी वरदान था कि जब तक मेघनाद उस रथ पर रहेगा वह अजेय और अमर बना रहेगा. ऐसे में मेघनाद वध असंभव था. लेकिन विभीषण ने एक ऐसा रास्ता बताया जिससे मेघनाद को वध किया जा सकता था. आखिर क्या था मेघनाद की मौत का रहस्य? मेघनाद की मौत की खबर सुनकर जब उसकी पत्नी सुलोचना उसका शव मांगने राम के पास पहुंची, तब राम ने सुलोचना से क्या कहा?
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