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Rekhte ke Ustaad : Amir Khusrow (MP3-Download) - Rekhta
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ज़िक्र है हज़रत अमीर ख़ुसरो का, जो फ़ारसी ज़बान के महान शायर थे, साहित्य-कार थे, संगीत-कार थे, भारत की सबसे बड़ी और ख़ूबसूरत आवाज़ यानी हिन्दी और उर्दू ज़बानों की बुनियाद रखने वाले थे। सात-सात बादशाहों के दरबारों के ओहदे दार होने के बावजूद सच्चे सूफ़ी संत थे, फ़िलॉस्फ़र थे, समाज सुधारक और हमारी सबसे बड़ी पहचान हिन्दू-मुस्लिम मुश्तरका तहज़ीब यानी सांझी संस्कृति के विकास में जिनका योगदान सबसे ज़्यादा है। Written by Farooq Argali

Produktbeschreibung
ज़िक्र है हज़रत अमीर ख़ुसरो का, जो फ़ारसी ज़बान के महान शायर थे, साहित्य-कार थे, संगीत-कार थे, भारत की सबसे बड़ी और ख़ूबसूरत आवाज़ यानी हिन्दी और उर्दू ज़बानों की बुनियाद रखने वाले थे। सात-सात बादशाहों के दरबारों के ओहदे दार होने के बावजूद सच्चे सूफ़ी संत थे, फ़िलॉस्फ़र थे, समाज सुधारक और हमारी सबसे बड़ी पहचान हिन्दू-मुस्लिम मुश्तरका तहज़ीब यानी सांझी संस्कृति के विकास में जिनका योगदान सबसे ज़्यादा है। Written by Farooq Argali

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