निदा का कलाम एक तहज़ीबी विरासत की जदीद बाज़गश्त है। इसमें हर उस आदमी का दुःख शामिल है जिसे नए समाज में जगह बनाने के लिए अपनी जड़ों से कट जाना पड़ा है। ये अपने आप में अपनी मंज़िल भी है और अपना सफ़र भी। नैनों में था रास्ता हृदय में था गाँव हुई न पूरी यात्रा छलनी हो गए पाँव Written by Mohd Aqib
Dieser Download kann aus rechtlichen Gründen nur mit Rechnungsadresse in A, D ausgeliefert werden.