रेणुका शहाणे... नाम लेते ही आँखों के आगे चेहरा बाद में आता है, पहले चमकती है एक दिलकश मुस्कान. शाहरुख ख़ान की हीरोइन बनकर एक्टिंग की दुनिया में आगाज़ करने वाली रेणुका ने आगे चलकर एक से बढ़कर एक शानदार उपलब्धियां हासिल कीं. सिद्धार्थ काक के साथ आने वाले उनके कल्चरल शो, सुरभि ने एक दशक तक भारतीय दर्शकों के दिलों पर राज किया है. जिसकी दीवानगी में हर हफ्ते लाखों लोग उन्हें ख़त भेजा करते थे. लड़कियां रेणुका जैसा बनना चाहती थीं. उनके जैसा हेयरकट कराना चाहती थीं, उनके जैसे कपड़े पहनना चाहती थीं, उनके जैसे मुस्कुराना चाहती थीं. उनकी मुस्कराहट का इफेक्ट जादुई था. दर्शक स्क्रीन से बंध सा जाता था. उन्होंने सिनेमा में एक्टिंग की, तो घर की आदर्श बड़ी बहू के चरित्र को एवरेस्ट की ऊँचाइयों तक पहुंचाया. अपना किरदार इस खूबी से निभाया कि भारतभर में बेटों की माएं उनके जैसी बहू पाने की दुआएं करतीं. एक्टर आशुतोष राणा के साथ उनके प्रेमकहानी भी बेहद रोचक रही. डायरेक्शन का ज़िम्मा संभाला तो त्रिभंग जैसी शानदार फिल्म दी. आज कहानी इन्हीं रेणुका शहाणे की, जिनका बचपन माता-पिता के सेपरेशन से तकलीफ में गुज़रा लेकिन उसकी आँच उनकी मुस्कान को कभी मद्धम न कर सकी. आइए मिलते हैं, स्टार होकर भी स्टार न लगने वाली रेणुका शहाणे से.
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