मर्लिन मनरो एक स्वप्न का प्रतीक थी। सौंदर्य और प्रेम की एक चिंरतन छवि। वह लोगों के लिए रति की देवी थी। उसकी आवाज़, उसका एक इशारा, देह की एक भंगिमा, समूचे युग की आत्मा में उसकी कामना का सपना बन कर समा गए थे। फूल और हंसी की एक दुनिया का वायदा था, उसकी मुस्कान में। मर्लिन मनरो ने शोहरत की बुलंदियां छुईं। सपना बनकर असंख्य दिलों में बसी, पर एक दिन सहसा इस स्वप्न का अंत हो गया - एक रहस्यभरी मृत्यु में। उसका जीवन साधारण न था। उसमें कई मोड़ थे. सुख-दुख, प्रेम, उम्मीद और अकेलेपन के कई कथानक. स्वप्नपरी के जीवन की अंतरंग दास्तान.
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