चिराग हमेशा की तरह अपनी फेवरेट ट्रेन से अमृतसर से दिल्ली जा रहा था. सफ़र में उसे suffer न करना पड़े इसलिए वो एक किताब अपने साथ लाया था. उसने किताब खोली ही थी कि एक खनकती हुई आवाज़ उसके कानों से टकराई. चिराग ने पलटकर देखा तो पाया कि एक बला की खूबसूरत लड़की उसके क़रीब की विंडो सीट पर आकर बैठी थी. उसके साथ एक अधेड़ उम्र का इंसान भी था. इतनी सुंदर हमसफर को देखकर चिराग को उससे पहली नज़र में ही प्यार हो गया. उसने लड़की से बात करने की कोशिश, लड़की भी उसकी तरफ आकर्षित हुई. लेकिन उनके इस नये-नवेले इश्क़ में उसका बाप अमरीश पुरी बना बैठा था. ऐसी सिचुएशन में चिराग उस लड़की से कैसे बात कर पायेगा? अगर बात कर भी पाया तो क्या बात आगे बढ़ पायेगी या इस ट्रेन की ही तरह किसी प्लेटफ़ॉर्म पर दम तोड़ देगी?
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