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आम और रोज़मर्रा की लघु कहानियों का सँग्रह है - ज़िन्दगी छोटी, ख्वाब बड़े। हमारे चारो ओर कहानियाँ ही कहानियाँ है। हर इंसान की अपनी एक कहानी है जो वह सुनाना और बताना चाहता है। कितनी कहानियाँ यूँ ही मन ही मन में दबी रह जाती है और कई कहानियाँ जगजाहिर हो जाती है। पुस्तक में ऐसी कहानियों को संकलित करने का प्रयास किया है जिन्हे हम और आप, जानते है, देखते है और सुनते है। कहानियों को विस्तार रूप से भी लिखा जा सकता था, मगर वर्तमान परिवेश में ज्यादातर लोगो के पास समय का अत्यंत अभाव है और पाठक भी लघु कथायें ही पढ़ना चाहते है। पच्चीस कहानियों में से कोई न कोई कहानी पढ़कर आपको महसूस होगा कि आप या आपके आसपास की ही…mehr

Produktbeschreibung
आम और रोज़मर्रा की लघु कहानियों का सँग्रह है - ज़िन्दगी छोटी, ख्वाब बड़े। हमारे चारो ओर कहानियाँ ही कहानियाँ है। हर इंसान की अपनी एक कहानी है जो वह सुनाना और बताना चाहता है। कितनी कहानियाँ यूँ ही मन ही मन में दबी रह जाती है और कई कहानियाँ जगजाहिर हो जाती है। पुस्तक में ऐसी कहानियों को संकलित करने का प्रयास किया है जिन्हे हम और आप, जानते है, देखते है और सुनते है। कहानियों को विस्तार रूप से भी लिखा जा सकता था, मगर वर्तमान परिवेश में ज्यादातर लोगो के पास समय का अत्यंत अभाव है और पाठक भी लघु कथायें ही पढ़ना चाहते है। पच्चीस कहानियों में से कोई न कोई कहानी पढ़कर आपको महसूस होगा कि आप या आपके आसपास की ही तो कहानी है ये और अगर ऐसा लगता है तो लिखना सार्थक हो जायेगा।